मोहब्बत की ख़ामोशियाँ | The Silence of True Love
प्यार एक एहसास है, जो लफ़्ज़ों से नहीं बल्कि खामोशी से बयां होता है।
🌸 प्रस्तावना
यह सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, एक एहसास है जो दिल को छू जाए। वो बातें जो कभी कही नहीं गईं, वो जज़्बात जो सिर्फ आँखों से बोले गए — यही है सच्ची मोहब्बत की खामोशी।
मोहब्बत अगर खामोश हो तो
हर धड़कन एक दुआ बन जाती है।
💞 भाग 1: पहली नज़र का जादू
राहुल और सना पहली बार लाइब्रेरी में मिले। किताबों के ढेर में एक चेहरा ऐसा था जो बार-बार देखने को दिल करता था।
तुझे देखा तो दिल ने कहा,
यही है वो जिस पर सब कुछ फिदा।
💌 भाग 2: अनकहे अल्फाज़
वो दोनों मिलते रहे, लेकिन एक लफ़्ज़ भी इश्क़ का ज़िक्र नहीं हुआ। फिर भी आंखें सब कुछ बयां करती थीं।
ना कुछ कहा, ना कुछ सुना,
फिर भी हर मुलाकात इश्क़ बन गई।
🌧️ भाग 3: जुदाई की बारिश
एक दिन सना बिना बताए शहर छोड़ गई। राहुल के लिए हर बारिश अब खालीपन की आवाज़ बन गई थी।
भीगी सड़कें, उदास शामें,
हर बूंद में तेरा नाम था।
🌷 भाग 4: चिट्ठियों की मोहब्बत
वक़्त के साथ दोनों के बीच खतों का सिलसिला शुरू हुआ। हर खत एक दिल की धड़कन था।
तेरी हर चिट्ठी में जो महक थी,
वो गुलाबों में भी कहाँ थी।
❤️ भाग 5: वापसी और वादा
सालों बाद जब सना लौटी, राहुल अब भी उसका इंतजार कर रहा था। पहली मुलाक़ात जैसी मुस्कराहट फिर से लौट आई।
वक़्त गुज़रा, फ़ासले मिटे,
पर मोहब्बत वहीं थी, जहाँ छोड़ी थी।
💖 निष्कर्ष
मोहब्बत सिर्फ लफ़्ज़ों से नहीं, खामोशी से निभाई जाती है। ये कहानी उन लोगों के लिए है, जो इश्क़ को महसूस करते हैं — बिना कहे, बिना सुने।
मोहब्बत वही जो खामोशी से निभाई जाए,
ना कोई शर्त हो, ना शिकायत। बस एक सुकून भरी चाहत।
अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करें, और अपने दिल की बातें नीचे कमेंट में लिखें।
0 Comments