🌸 "एक कदम, हज़ार एहसास" 🌸
छोटे गाँव की वो सीधी राहें,
जहाँ बचपन ने ली थी बाहें।
राजू और पूजा की प्यारी कहानी,
दोस्ती से शुरू, फिर हुई दीवानी।
संग खेलते, संग पढ़ते थे,
हर मोड़ पे एक-दूजे से जुड़ते थे।
नज़रों में सपने, दिल में उमंग,
पर उम्र थी कम, समझ थी तंग।
एक दिन दिल ने कर डाली फरमाइश,
मिलें अकेले, बिना डर, बिना गुज़ारिश।
चले गए वो खेत की ओर,
जहाँ न थे कोई दीवार न कोई ठौर।
पल भर की चाहत, छुपा ना सकी,
वो मासूम लम्हा, कसमसाने लगी।
गलत नहीं था प्यार उनका,
https://www.profitableratecpm.com/ix66qkmi?key=767b0febeec75af72c3f0ba97a6438beपर तरीका गलत, राह जुदा उनका।
गाँव का चौकीदार वहाँ आ गया,
जो छुपा था, सबके सामने आ गया।
हल्ला हुआ, पंचायत बुलाई गई,
दोनों की गलती सबको सुनाई गई।
राजू बोला, 'मैं ज़िम्मेदार हूँ',
पूजा बोली, 'मैं भी प्यार में सच्ची यार हूँ।'
पंचों ने डांटा, समझाया प्यार से,
'मर्यादा होनी चाहिए हर व्यवहार में।'
सज़ा नहीं, सबक मिला उन्हें,
सेवा का अवसर दिया गया उन्हें।
स्कूल में पढ़ाया, मंदिर भी सजाया,
हर काम से खुद को दोबारा बनाया।
महीने बीते, साल बदला,
मन बदला, हाल बदला।
लोगों की सोच में भी आई नर्मी,
उनकी मेहनत ने दिल जीता हरमी।
फिर एक दिन शहनाइयाँ बजीं,
राजू और पूजा की जोड़ी सजी।
प्यार को मिली मंज़ूरी समाज से,
गलत कदम सुधर गया समझदारी के राज से।
सीख यही – भावनाएँ हों सच्ची,
पर राहें हो मर्यादा में
सजी।
वरना एक पल की भूल,
बना सकती है जीवन को शूल।
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